Tuesday, 29 March 2016

युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी - Yuhi Janm Gumavyo re prani - lyrics

युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी
फोगट फेरा पाया
यही संसार आ तन का सोभा
सब कोय बन के आयो
कोय कोय राव हो कोय
सवाया दिलना मुरखे मरम ना पायो
युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी,,,
★प
बहेना थाकी धनैया थाकी
थाकी सुंदर काया
जोबन थाक्यु जऴा थाकी ऐक नो थाकी माया,
युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी,,,
★र
किसी का जोरु कीसी का लडका
आप स्वार्थ आयो
कोइ कीसी के संग ना चाले
जुठे जुठ मीलायो
युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी,,,
★ब
चेत चेत चंचल मन भमरा
रतन पदारथ पायो
कहत कबीर सुनो संतो सान मे समजायो,
युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी,,,



युंही जनम गुमाव्यो रे प्राणी - Yuhi Janm Gumavyo re prani - lyrics

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