कुंजलळी रे शंदेसो अमारो तमे
जइने वालमजी ने केजो जीरे
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★प
सामा रे कांठा ना अमे छीये पंखीळा
उडीउडी आ कांठे जो ने आव्या रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★र
कुंजडीयु ने वालो मीठो मेरामणो
गोपीयु ने वालो घेलो कान रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★ब
मानवी ने अमे तो मुखो मुख कहीये
लखी दइये तमारी पांखळीये रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★त
बाइ मीरां गावे गीरीधर ना गुण
अमने राखो चरणे तमारे रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
जइने वालमजी ने केजो जीरे
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★प
सामा रे कांठा ना अमे छीये पंखीळा
उडीउडी आ कांठे जो ने आव्या रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★र
कुंजडीयु ने वालो मीठो मेरामणो
गोपीयु ने वालो घेलो कान रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★ब
मानवी ने अमे तो मुखो मुख कहीये
लखी दइये तमारी पांखळीये रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
★त
बाइ मीरां गावे गीरीधर ना गुण
अमने राखो चरणे तमारे रे,
कुंजलळी रे शंदेसो अमारो,,,
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