मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,
आंसु ओ ने आंख मा पाछा जताजोया नथी,
मानवी ने मानव थता पण जोया नथी
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
★
खरता निहाळ्या छे घणा मे गगन थी तारला ओ ने
चांद के सुरज ने मे कदी खरी जता जोया नथी,
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
★
दोस ना देवो मानवी, वाता विस्व ना वायु ने,
जलचरो ने जल महि रुंधाता कदी मे जोया नथी,
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
★
साधनाओ खुब कीधी नाजीर कहे मोटा आ विस्व मा,
मानवि ने मे कदी प्रभु थता जोया नथी,
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
आंसु ओ ने आंख मा पाछा जताजोया नथी,
मानवी ने मानव थता पण जोया नथी
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
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खरता निहाळ्या छे घणा मे गगन थी तारला ओ ने
चांद के सुरज ने मे कदी खरी जता जोया नथी,
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
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दोस ना देवो मानवी, वाता विस्व ना वायु ने,
जलचरो ने जल महि रुंधाता कदी मे जोया नथी,
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
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साधनाओ खुब कीधी नाजीर कहे मोटा आ विस्व मा,
मानवि ने मे कदी प्रभु थता जोया नथी,
मे प्रभु ना कार्य ने पलटाता कदी जोया नथी,,,
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