Wednesday, 30 March 2016

अइया न आजो बंधी बावलीया - AIYA NA AJO BANDHI BAVLIYA - GUJARATI BHAJAN GHAZAL LYRICS

अइया न आजो बंधी बावलीया
आउ पेरीया प्रेम जी गंधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,

पेले पखाळे धुन मचाइ,अने चोथी
धुणी आंजी जंगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,

सुरज रथ मे भमरो विध्यो तेदी
लक्षमणे बांण संधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,

सीता जे कारण रामचंन्द्र चडया
अने पथ्थरे पाळ बंधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,

लंका जी गद्दी विभीषण को दिनी
अने लंका मे आग तां लगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,

मावजी चरणे बोल्या गंगाराम
सुरता साहेब से लगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी,,,

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