अइया न आजो बंधी बावलीया
आउ पेरीया प्रेम जी गंधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
★
पेले पखाळे धुन मचाइ,अने चोथी
धुणी आंजी जंगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
★
सुरज रथ मे भमरो विध्यो तेदी
लक्षमणे बांण संधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
★
सीता जे कारण रामचंन्द्र चडया
अने पथ्थरे पाळ बंधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
★
लंका जी गद्दी विभीषण को दिनी
अने लंका मे आग तां लगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
★
मावजी चरणे बोल्या गंगाराम
सुरता साहेब से लगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी,,,
आउ पेरीया प्रेम जी गंधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
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पेले पखाळे धुन मचाइ,अने चोथी
धुणी आंजी जंगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
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सुरज रथ मे भमरो विध्यो तेदी
लक्षमणे बांण संधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
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सीता जे कारण रामचंन्द्र चडया
अने पथ्थरे पाळ बंधी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
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लंका जी गद्दी विभीषण को दिनी
अने लंका मे आग तां लगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी ,,,
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मावजी चरणे बोल्या गंगाराम
सुरता साहेब से लगी
मुंजा नाथ मेकरण जीयो रे दादा
अइयां न आजो बंधी,,,
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