माथे भर्या मही केरा माट,
ऐ गोकुळीये थी अमे हाल्या रे
जदुपती उभा जमुना ने तीर
ऐ बोलळीये बंधाणा रे
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★
ऐ सखी उन्डा रे कुवा मा आज
ऐ उतार्या वाले अमने रे
हवे उतारी ने वरत वाढो मा ऐ दीनानाथ
आवु घटे नहि हरी तमने रे
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★
वाले मारे दुध रे साकर घोळी ने आज
ऐ उछेर्या हरी ऐ अमने रे
हवे वखळा घोळो नही ऐ दीनानाथ
आवु घटे नहि हरी तमने रे
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★
ऐ सखी प्रेम नो पछेडो जोने आज,
ऐ ओढाळ्यो वाले अमने रे
हवे ओढाळी ने उतारो नहि ऐ दीनानाथ
आवु घटे नहि हरी तमने रे,
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★પ
ऐ सखी आवु बोल्या रवीगुरु भाण,
ऐ त्रीकमजी अमने तारो रे
मोरार साहेब नी पकडो तमे बाय,
ऐ भवसागर थी अमने तारो रे,
माथे भर्या मही केरा माट,,,
ऐ गोकुळीये थी अमे हाल्या रे
जदुपती उभा जमुना ने तीर
ऐ बोलळीये बंधाणा रे
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★
ऐ सखी उन्डा रे कुवा मा आज
ऐ उतार्या वाले अमने रे
हवे उतारी ने वरत वाढो मा ऐ दीनानाथ
आवु घटे नहि हरी तमने रे
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★
वाले मारे दुध रे साकर घोळी ने आज
ऐ उछेर्या हरी ऐ अमने रे
हवे वखळा घोळो नही ऐ दीनानाथ
आवु घटे नहि हरी तमने रे
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★
ऐ सखी प्रेम नो पछेडो जोने आज,
ऐ ओढाळ्यो वाले अमने रे
हवे ओढाळी ने उतारो नहि ऐ दीनानाथ
आवु घटे नहि हरी तमने रे,
माथे भर्या मही केरा माट,,,,
★પ
ऐ सखी आवु बोल्या रवीगुरु भाण,
ऐ त्रीकमजी अमने तारो रे
मोरार साहेब नी पकडो तमे बाय,
ऐ भवसागर थी अमने तारो रे,
माथे भर्या मही केरा माट,,,
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