पधारो ने तमे गणपती देव जी
आवी ने पधारो पाट जी
गरत सीदुर नी सेवायु लइने मारा
धणी ना रे दरबार रे
जल स्थल तारयां रे प्रचंड ऐ बाला जोगणी
अऴसठ जंतरी रे हा,,,
★प
बाइ तारु नाम छे निरवाण रे
जल स्थल तारयां रे प्रचंड ऐ बाला जोगणी
अऴसठ जंतरी रे हा,,,
★र
कोन पुरुष तारा पाट मांडे कोणे
जगावी ज्योत जी
अलख पुरुष जी तारा पाट मांडे
ने शीवजी ये जगावी ज्योत रे,
जल स्थल तारयां रे प्रचंड रे बाला जोगणी,,,
★ब
आकाश माथी अप्सरा उतरी
खपर ने खांडु ऐने हाथ जी
रीजी जाय ऐने राज आपे खीजाय
जाय तो तेने खाय रे,
जल स्थल तारयां रे प्रचंड रे बाला जोगणी,,,
★त
पांच पांडव मुक्ती मागे आवि ने
बेठा तारे द्वार जी
ध्यान माथी बावो धुणीनाथ बोल्या
सदाय चरणो मां राखो,
जल स्थल तांरयां रे प्रचंड रे बाला जोगणी,,,
पधारो ने तमे गणपती देव जी -Padharo ne tame ganpati dev ji
आवी ने पधारो पाट जी
गरत सीदुर नी सेवायु लइने मारा
धणी ना रे दरबार रे
जल स्थल तारयां रे प्रचंड ऐ बाला जोगणी
अऴसठ जंतरी रे हा,,,
★प
बाइ तारु नाम छे निरवाण रे
जल स्थल तारयां रे प्रचंड ऐ बाला जोगणी
अऴसठ जंतरी रे हा,,,
★र
कोन पुरुष तारा पाट मांडे कोणे
जगावी ज्योत जी
अलख पुरुष जी तारा पाट मांडे
ने शीवजी ये जगावी ज्योत रे,
जल स्थल तारयां रे प्रचंड रे बाला जोगणी,,,
★ब
आकाश माथी अप्सरा उतरी
खपर ने खांडु ऐने हाथ जी
रीजी जाय ऐने राज आपे खीजाय
जाय तो तेने खाय रे,
जल स्थल तारयां रे प्रचंड रे बाला जोगणी,,,
★त
पांच पांडव मुक्ती मागे आवि ने
बेठा तारे द्वार जी
ध्यान माथी बावो धुणीनाथ बोल्या
सदाय चरणो मां राखो,
जल स्थल तांरयां रे प्रचंड रे बाला जोगणी,,,
पधारो ने तमे गणपती देव जी -Padharo ne tame ganpati dev ji
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