Wednesday 30 March 2016

धन तोरी सायबी दातार - DHAN TORI SAYBI RE DATAR- GUJARATI BHAJAN GHAZAL LYRICS

धन तोरी सायबी दातार धन तोरी सायबी रे
तु हे मेरो सचो दातार धन तोरी सायबी रे

धरती को तुने गालीचो कीयो,रावटी आसमान की,
चंदा सुरज को दिपक कीया, ऐसी संम्पत साम की,
धन तोरी सायबी रे,,,

मेरु को रवैयो कीयो गोरी दरीयाव की,
नाग ना वाले नेतरा कीना, ऐसी संम्पत साम की,
धन तोरी सायबी रे,,,

किसि को दिया ओर हाथी घोडा किसी को पालखी,
किसी को अमीर किया तो किसी को कंगाल की,
धन तोरी सायबी रे,,,
★प
गुण तारा गावे तान सेन, बंदगी तेरे नाम की
दिवस उग्या पेला दया करना हम कंगाल पर,
धन तोरी सायबी रे,,,

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