धन तोरी सायबी दातार धन तोरी सायबी रे
तु हे मेरो सचो दातार धन तोरी सायबी रे
★
धरती को तुने गालीचो कीयो,रावटी आसमान की,
चंदा सुरज को दिपक कीया, ऐसी संम्पत साम की,
धन तोरी सायबी रे,,,
★
मेरु को रवैयो कीयो गोरी दरीयाव की,
नाग ना वाले नेतरा कीना, ऐसी संम्पत साम की,
धन तोरी सायबी रे,,,
★
किसि को दिया ओर हाथी घोडा किसी को पालखी,
किसी को अमीर किया तो किसी को कंगाल की,
धन तोरी सायबी रे,,,
★प
गुण तारा गावे तान सेन, बंदगी तेरे नाम की
दिवस उग्या पेला दया करना हम कंगाल पर,
धन तोरी सायबी रे,,,
तु हे मेरो सचो दातार धन तोरी सायबी रे
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धरती को तुने गालीचो कीयो,रावटी आसमान की,
चंदा सुरज को दिपक कीया, ऐसी संम्पत साम की,
धन तोरी सायबी रे,,,
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मेरु को रवैयो कीयो गोरी दरीयाव की,
नाग ना वाले नेतरा कीना, ऐसी संम्पत साम की,
धन तोरी सायबी रे,,,
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किसि को दिया ओर हाथी घोडा किसी को पालखी,
किसी को अमीर किया तो किसी को कंगाल की,
धन तोरी सायबी रे,,,
★प
गुण तारा गावे तान सेन, बंदगी तेरे नाम की
दिवस उग्या पेला दया करना हम कंगाल पर,
धन तोरी सायबी रे,,,
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