हू तने पुछु मारी बेनी रे सोहागण
तु मने कही रे बताव रे हा
कीया रे मलक ना वीरा तमे छो वटावडा
कीया रे मलक तमे जावो रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
★
ओतराते खंडमा अयोध्या रे
नगरी बेनी
बडे बडे शहेर तो गंभीर रे हा
उनके तो भुप की मती रे कुमत भई
अमे वसीए सरयु ने तीर रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
★
सगी रे सासुजी नी सोक रे सुहागण
वचन माग्यु पीया पास रे हा
उनका पुतर का तो बेनी
राजतीलक भयो हे
हमको दीयो रे वनवास रे
हे सुहागण सुदरी रे,,,
★
इतना सुन के भई दीलगीरी सजनी
नेनु मांथी खन थया निर रे.
आजनो दीवस बेन मारा
मंदीरीये पधारो
तुम संग दोनो मारा विर
रे सोहागण सुदरी रे,,,
★
तमारा रोक्या अमे नही रहीये
सजनी
हे तम मुख अमीरस होइ रे
अमे परदेशी बेनी पंथता चलत हे
अमे वसीये वैरागी ने देश
हे सोहागण सुदरी रे,,,
★
दोनु वीर नी सोभा रे धणेरी सजनी
हे शोभा वणँवी न जाय रे
कीया कीया रंग बेनी देवरीयो तमारो
कोण रे तमारो छे रे भरथार रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
★
कदम केरी कंठ मा रो शोभे बेनी
दोनु भुजा बाण ने तीर रे
गोरे गोरे रंग बेनी देवरीयो अमारो
स्वामी अमारा जोने श्याम रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
★
त्रणे देवनी शोभा रे धणेरी सजनी
हे छोडी हाल्या नीराधार रे
तुलशीदास बेनी नीरखी मगन भयो
लक्षमण सीता ने श्री राम रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
तु मने कही रे बताव रे हा
कीया रे मलक ना वीरा तमे छो वटावडा
कीया रे मलक तमे जावो रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
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ओतराते खंडमा अयोध्या रे
नगरी बेनी
बडे बडे शहेर तो गंभीर रे हा
उनके तो भुप की मती रे कुमत भई
अमे वसीए सरयु ने तीर रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
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सगी रे सासुजी नी सोक रे सुहागण
वचन माग्यु पीया पास रे हा
उनका पुतर का तो बेनी
राजतीलक भयो हे
हमको दीयो रे वनवास रे
हे सुहागण सुदरी रे,,,
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इतना सुन के भई दीलगीरी सजनी
नेनु मांथी खन थया निर रे.
आजनो दीवस बेन मारा
मंदीरीये पधारो
तुम संग दोनो मारा विर
रे सोहागण सुदरी रे,,,
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तमारा रोक्या अमे नही रहीये
सजनी
हे तम मुख अमीरस होइ रे
अमे परदेशी बेनी पंथता चलत हे
अमे वसीये वैरागी ने देश
हे सोहागण सुदरी रे,,,
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दोनु वीर नी सोभा रे धणेरी सजनी
हे शोभा वणँवी न जाय रे
कीया कीया रंग बेनी देवरीयो तमारो
कोण रे तमारो छे रे भरथार रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
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कदम केरी कंठ मा रो शोभे बेनी
दोनु भुजा बाण ने तीर रे
गोरे गोरे रंग बेनी देवरीयो अमारो
स्वामी अमारा जोने श्याम रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
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त्रणे देवनी शोभा रे धणेरी सजनी
हे छोडी हाल्या नीराधार रे
तुलशीदास बेनी नीरखी मगन भयो
लक्षमण सीता ने श्री राम रे
हे सोहागण सुदरी रे,,,
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