Wednesday 30 March 2016

प्रगट्यो प्रेम व्रजनार ने मग्न थय ने मन मा फुली - PRAGATYO PREM VRAJNAR NE MAGN- GUJARATI BHAJAN SONG LYRICS

प्रगट्यो प्रेम व्रजनार ने मग्न थय ने मन मा फुली,,,
कान कान कांय पुकारे ऐ देह नु भान भुली,,,
प्रगट्यो प्रेम जेने तुलसी ना दल थी प्रभु जी राजी,,,
प्रगट्यो प्रेम प्रभुजी ये खाधी खीचडी ने भाजी,,,
प्रेमी विदुरजी नी नार ऐ नहाता नहाता दोडी गय,,,
लक्षण छे ऐ प्रेम नु जय ने भेटी जदुराय ने...
केळा नी छाल काढी नाखती ऐ छाल प्रभु ने मुखे धराय छे,,,
कहे नरभेराम जोय ल्यो प्रेम नु पुरु पारखु छबिलो छालु पण खाय छे,,, 

No comments:

Post a Comment

કાનજી તારી મા કહેશે પણ અમે કાનુડો કહેશું રે

 કાનજી તારી મા કહેશે પણ અમે કાનુડો કહેશું રે… એટલું કહેતા નહી માને તો ગોકુળ મેલી દેશું રે… માખણ ખાતાં નહોતું આવડતું મુખ હતું તારૂં એંઠુ રે… ...