प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है
उसका उचा शिखर है ठिकाना है
मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
प्रेम नगर की गेहरी है नदिया
लाखो लोग रे डुबाना है
मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
प्रेम नगर की सुन्दर परिया
लाखो लोग लुभाना है
मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
ब्रम्हा नन्द के कोइ विरला त्या पहोचे
पावे पद निरवाना
मुसाफिर प्रेम नगर मत जा
प्रेम नगर मत जा !
प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है
उसका उचा शिखर है ठिकाना है
मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
प्रेम नगर की गेहरी है नदिया
लाखो लोग रे डुबाना है
मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
प्रेम नगर की सुन्दर परिया
लाखो लोग लुभाना है
मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा !
ब्रम्हा नन्द के कोइ विरला त्या पहोचे
पावे पद निरवाना
मुसाफिर प्रेम नगर मत जा
SAMRU DWARIKA WALO BHAJAN
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